और जो कोई कांटे की राह देखता है और न जाने किस रास्ते से जाता है, वह अपने धर्म के बारे में उलझन में है और जो कोई धर्म नहीं है उसका साथ देता है ।
और जो कोई कांटे की राह देखता है और न जाने किस रास्ते से जाता है, वह अपने धर्म के बारे में उलझन में है और जो कोई धर्म नहीं है उसका साथ देता है ।