और जो कोई भी सोचता है कि उसके शरीर पर घाव हैं, तो वह अपने शरीर पर कुछ निषिद्ध हमला करता है, जब तक कि यह उसकी गर्दन पर न हो, तब तक उस पर कर्ज और भरोसा है ।
और जो कोई भी सोचता है कि उसके शरीर पर घाव हैं, तो वह अपने शरीर पर कुछ निषिद्ध हमला करता है, जब तक कि यह उसकी गर्दन पर न हो, तब तक उस पर कर्ज और भरोसा है ।