सूरत यूसुफ, इब्न सिरिन ने कहा, जो कोई भी अपनी युवावस्था के दौरान इसे पढ़ेगा, उस पर अत्याचार किया जाएगा और बहुत यात्रा की जाएगी और उसके परिणाम अच्छे होंगे । और अल-किरमानी ने कहा, ~वह सम्मान और प्रतिष्ठा, धन, वैभव और संकट के बाद राहत प्राप्त करता है ।~ और जाफ़र अल-सादिक ने कहा, ~ईमानदार रहो ।~