सूरत अल-बयिनाह जो कोई भी इसे पढ़ता है वह पश्चाताप के बिना दुनिया को नहीं छोड़ेगा । अल-किरमानी ने कहा कि वह सृजन को तर्कसंगतता कहते हैं, और यह कहा गया कि भ्रष्टाचार के बाद विवेक अच्छा है और संदेह के बिना निश्चित है । जाफर अल-सादिक ने कहा, ~एक हारा हुआ समूह अपने हाथ पर पछताता है ।~