ताकत : जो कोई भी अपने लिए शक्ति का गुण देखता है, अगर उसकी दृष्टि से जुड़े सबूत हैं, तो उसकी ताकत धर्म के मामले में है, अन्यथा उसकी ताकत दुनिया के मामले में होगी । और यह कहा गया था कि ताकत कमजोरी है, क्योंकि भगवान सर्वशक्तिमान कहते हैं : ~ ताकत कमजोरी के बाद है ।~