और जो कोई भी लोगों की सोच के बिना उसकी दृष्टि देखता है, या वह शब्दों या कमजोरी को देखता है, और लोगों को यह पता नहीं है, तो उसका रहस्य उसके प्रचार के बिना होगा ।
और जो कोई भी लोगों की सोच के बिना उसकी दृष्टि देखता है, या वह शब्दों या कमजोरी को देखता है, और लोगों को यह पता नहीं है, तो उसका रहस्य उसके प्रचार के बिना होगा ।