चलनी दृष्टि

छलनी के रूप में, जो कोई भी देखता है कि वह बह रहा है, उसे एक मामले में उसके परिश्रम के साथ व्याख्या की जाएगी और उसमें उसका संग्रह उतना ही होगा जितना कि झारना ।