आश्चर्य : व्याख्या अन्याय है, इसलिए जो भी देखता है जैसे कि वह खुद को, अपनी धन या अपनी शक्ति की प्रशंसा करता है, वह अन्याय है ।
आश्चर्य : व्याख्या अन्याय है, इसलिए जो भी देखता है जैसे कि वह खुद को, अपनी धन या अपनी शक्ति की प्रशंसा करता है, वह अन्याय है ।