घोड़े की सवारी करें और धूल तक चलाएं

जो कोई घोड़े की सवारी करता है और जब तक धूल में हलचल नहीं होती तब तक वह दौड़ता है, फिर वह खुद को बाहर निकालता है, बुरा लेता है, और झूठ में विलीन हो जाता है, इसमें अतिरेक होता है, और देशद्रोह का आरोप लगाया जाता है, क्योंकि व्याख्या में गतिविधि मद्धम होती है, और धूल बेहोश होती है ।