जो कोई पाव रोटी खाता है, वह उमर का है, और पाव चालीस साल का है । इसमें क्या कमी थी, यह उस युग की कमी है, और इसकी शांति दुनिया की पवित्रता है । यह कहा गया था कि एक हज़ार दिरहम, प्रजनन क्षमता, आशीर्वाद और आजीविका का एक हिस्सा मौजूद है। दूसरे लोगों ने उनसे मदद मांगी और उनका दुःख उनसे दूर हो गया क्योंकि भगवान सर्वशक्तिमान ने कहा : ~और उन्होंने कहा : परमेश्वर की स्तुति करो जो दुःख से दूर हो गए हैं ।~ टिप्पणीकारों ने कहा : दुःख रोटी है, और अगर वह बिना रोटी के कई रोटियाँ देखता है, तो वह जल्द ही अपने भाइयों को पा लेगा । और अगर वह अपने हाथ में लकड़ी की एक पाव रोटी देखता है, तो यह अच्छा जीवन और एक उदार धर्म है । यदि यह कविता थी, तो यह एक पवित्र स्वभाव है । यदि यह एक क्रस्टी लोफ था, तो यह उनकी आजीविका में झुलस गया था ।