अगर इमाम देखता है कि उसने अपने अधिकार को खुद से बदल दिया है, तो वह कुछ ऐसा करेगा जिसे वह पछताता है, जैसे कि जब वह गुस्से में था तो धूल-नून का अफसोस ।
अगर इमाम देखता है कि उसने अपने अधिकार को खुद से बदल दिया है, तो वह कुछ ऐसा करेगा जिसे वह पछताता है, जैसे कि जब वह गुस्से में था तो धूल-नून का अफसोस ।