अग्नि की पूजा

उसे एक पूजित अग्नि के समान लगा : यह शैतान की आज्ञा मानने या युद्ध के लिए भगवान की अवज्ञा करता है । अगर आग की लौ नहीं है, तो उसे अपने धर्म के लिए तलाश करने से मना किया जाता है, क्योंकि जो निषिद्ध है वह आग है । यदि वह देखता है कि वह एक काफिर बन गया है, तो उसका विश्वास काफिरों की उस दौड़ के अनुरूप है ।