और जो कोई भी अपने दिल को अपहरण और उससे विदा होते हुए देखता है, वह गहन भय, पागलपन, धर्म के भ्रष्टाचार और आपदा की घटना के चार पहलुओं में तब्दील हो जाता है ।
और जो कोई भी अपने दिल को अपहरण और उससे विदा होते हुए देखता है, वह गहन भय, पागलपन, धर्म के भ्रष्टाचार और आपदा की घटना के चार पहलुओं में तब्दील हो जाता है ।