जाफ़र अल-सादिक और मूर्तियाँ

जाफ़र अल-सादिक ने कहा : यह एक दृष्टि है जिसे तीन तरीकों से एक झूठ, एक पाखंडी आदमी, एक चालाक झूठ और एक भ्रष्ट, दुष्ट महिला के रूप में व्याख्या की जाती है ।