जाफ़र अल-सादिक ने कहा कि अल-शत्रुवन की दृष्टि, संपूर्णता में, अनुमेय आय, दीर्घायु, धन, लाभ और आजीविका के चार पहलुओं पर निर्भर करती है, और अगर उन्होंने इसे पूर्णता के बिना देखा, तो यह प्रशंसनीय नहीं है ।
जाफ़र अल-सादिक ने कहा कि अल-शत्रुवन की दृष्टि, संपूर्णता में, अनुमेय आय, दीर्घायु, धन, लाभ और आजीविका के चार पहलुओं पर निर्भर करती है, और अगर उन्होंने इसे पूर्णता के बिना देखा, तो यह प्रशंसनीय नहीं है ।