और अल-सलामी ने कहा, ~जिसने भी अपने दाहिने हाथ की उंगलियों को ज़िना या शिन में देखा है, तो वह पांच प्रार्थना में व्यक्त करता है, साथ ही साथ अगर उसने अपने बाएं हाथ की उंगलियों में देखा, तो भाई के बच्चों की उसकी व्याख्या । ~
और अल-सलामी ने कहा, ~जिसने भी अपने दाहिने हाथ की उंगलियों को ज़िना या शिन में देखा है, तो वह पांच प्रार्थना में व्यक्त करता है, साथ ही साथ अगर उसने अपने बाएं हाथ की उंगलियों में देखा, तो भाई के बच्चों की उसकी व्याख्या । ~