उपदेशक अबू सईद ने कहा: ~जो कोई अपने अंगों में कमजोरी देखता है और उसके साथ धैर्य नहीं रखता है, वह अपने रिश्तेदार से बदसूरत शब्द सुनता है जिसके लिए उस सदस्य को जिम्मेदार ठहराया जाता है ।~
उपदेशक अबू सईद ने कहा: ~जो कोई अपने अंगों में कमजोरी देखता है और उसके साथ धैर्य नहीं रखता है, वह अपने रिश्तेदार से बदसूरत शब्द सुनता है जिसके लिए उस सदस्य को जिम्मेदार ठहराया जाता है ।~