जो कोई भी इस तरह देखता है जैसे स्वर्गदूत उसे कोसते हैं, उसकी व्याख्या उसके धर्म के भ्रष्टाचार और उसके विश्वास की कमी से होती है ।
जो कोई भी इस तरह देखता है जैसे स्वर्गदूत उसे कोसते हैं, उसकी व्याख्या उसके धर्म के भ्रष्टाचार और उसके विश्वास की कमी से होती है ।