और जाबिर अल-मघरिबी ने कहा: ~जो कोई भी अपने चेहरे पर धूल देखता है, वह इंगित करता है कि सर्वशक्तिमान जो कहता है उसके लिए कड़ी मेहनत और कड़ी सजा होगी, और उस दिन कविता की धूल होती है ।~
और जाबिर अल-मघरिबी ने कहा: ~जो कोई भी अपने चेहरे पर धूल देखता है, वह इंगित करता है कि सर्वशक्तिमान जो कहता है उसके लिए कड़ी मेहनत और कड़ी सजा होगी, और उस दिन कविता की धूल होती है ।~