उपदेशक अबू सा `िद ने कहा : रात की दृष्टि को एक भ्रम के रूप में व्याख्यायित किया जाता है, और जो देखता है कि पूरा समय एक रात है और इसमें कोई दिन नहीं है, तो उस जगह के लोग व्यथित, खूंखार हैं, डर और भय, और अंधेरा उन लोगों के साथ अन्याय है जिनके लोग हैं ।