इब्न सिरिन ने कहा कि सुल्तान की दृष्टि की व्याख्या इमाम, ज्ञान, अलंकार, प्रतिष्ठा, निर्णय, निर्णय के प्रति समर्पण, प्रतिष्ठा, सम्मान, उत्थान और प्रस्तुति के बारह मुखों पर की गई है ।
इब्न सिरिन ने कहा कि सुल्तान की दृष्टि की व्याख्या इमाम, ज्ञान, अलंकार, प्रतिष्ठा, निर्णय, निर्णय के प्रति समर्पण, प्रतिष्ठा, सम्मान, उत्थान और प्रस्तुति के बारह मुखों पर की गई है ।